MA Semester-1 Sociology paper-II - Perspectives on Indian Society - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर समूह
लोगों की राय

बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य

एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2682
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य

प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन की मुख्य विशेषताओं की व्याख्या कीजिये।

उत्तर -

सन् 1948 ई. से पहले शमीरपट गाँव जोकि मुस्लिम जागीर के रूप में विख्यात था, उस गाँव का अध्ययन डॉ. एस. सी. दुबे ने किया। डॉ. एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं :

(1) मुस्लिम समुदायों में वर्ग भेद का पाया जाना - शमीरपट गाँव में इस्लाम धर्म के दोनों मतावलम्बी पाये जाते थे, परन्तु दोनों की संख्या अधिक थी। शिया जमात के लोग सुन्नियों को हेय दृष्टि से देखते हैं क्योंकि शिया जमात के लोग स्वयं को शुन्नियों से श्रेष्ठ मानते हैं शिया और सुन्नी गुटों में संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है। उमय्यद खलीफा और अब्बासी खलिफाओं का युद्ध जग जाहिर है। आज भी इन दोनों गुटों में अहर्निस संघर्ष जारी है। विश्व की मुख्य समस्याओं में शिया सुन्नी विवाद भी एक समस्या है। डॉ. दुबे ने इस गाँव के अध्ययन में दोनों जमातों के महत्व में वर्ग भेद को पाया।

(2) हिन्दू धर्मावलम्बियों की निरन्तर स्थिति - शमीरपट गाँव मुस्लिम जागीर था, इसलिये सभी धार्मिक अधिकार मुसलमानों को प्राप्त थे। हिन्दू धर्म के लोग अपनी फरियाद को मुस्लिमों के खिलाफ यदि पेश करते थे तो उनका मुकदमा खारिज हो जाता था। धर्म के प्रति हिन्दूओं में सहिष्णुता की भावना पाई जाती है। प्रत्येक स्थिति में हिन्दू पद्दलित था। वह अपने अधिकारों के प्रति सदैव वह संघर्षशील रहा। बहुसंख्यक वर्ग की अपेक्षा हिन्दुओं को सर्वत्र क्षेत्र में अधिकार कम था।

(3) हिन्दू धर्म में कठोर जाति व्यवस्था - हिन्दू सोपान क्रम की स्थिति शमीरपट गाँव में देखने को मिलती है। हिन्दू धर्म में मतावलम्बी छोटे-छोटे कुनबों में बंटे थे उनमें वैवाहिक सम्बन्ध एवं खान-पान के मामलों में बहुत अधिक अन्तर मिला। छोटी जाति के प्रति अच्छी सोच नहीं रखते थे। राजनीतिक एवं धार्मिक क्षेत्र में भी मन-मुटाव देखने को मिला। यदि कोई इन व्यवस्थाओं का पालन नहीं करता था तो उसे बहिष्कृत भी दिया जाता था। आहार-विहार, दैनिक व्यवहार में ऊँच-नीच की भावना निहित थी।

(4) स्वायत्त व आत्म निर्भर की भावना - शमीरपट गांव में मुख्यतः दो ही धर्म के लोग रहते हैं। इस गांव के लोग आत्म निर्भर व स्वायत्त थे। वे अपने विकास के लिये स्वयं सम्भावना, बनाते थे और अपने ही गांव में स्वाभिमान पूर्वक रहकर भरण-पोषण करते थे। अनेक विषमताओं के होते हुये भी वहाँ के निवासी अपने गांव से विशेष स्नेह रखते थे। गांव की सौहार्द्रता व प्रगति बनी रहे इसके लिये वहाँ के निवासी कठोर परिश्रम व स्वरोजगार किया करते थे। यदा-कदा कुछ विषयों के लेकर टकराहट भी हुयी करती थी परन्तु आत्मनिर्भरता के कारण वे सब एक साथ ही रहा करते थे।

(5) मुसलमानों की उच्च धार्मिक भावना- डॉ. एस. सी. दुबे ने अपने अध्ययन में पाया कि शमीरपट गाँव में बहुसंख्यक वर्गों में अपने धर्म के प्रति कट्टरता की भावना निहित थी। मुस्लिम जागीर होने के कारण मुसलमानों के धार्मिक स्थल की बहुलता थी। धार्मिक क्षेत्र में उन्हें विशेष दर्जा प्राप्त था। न्याय व्यवस्था में मौलवियों को हस्तक्षेप का अधिकार था। मस्जिदों एवं मजलिसों के माध्यम से धर्म का प्रचार प्रसार होता था। अपने धर्म के अलावा किसी दूसरे धर्म को महत्व प्रदान नहीं करते थे। शमीरपट गाँव के निवासियों की धार्मिक गतिविधियाँ संस्कारात्मक संरचना का सही उदाहरण प्रस्तुत करती है। दुबे जी ने धार्मिक गतिविधियों का सूक्ष्म अध्ययन किया है।

डॉ. एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन के कुछ और विशेषताएँ इस प्रकार हैं -

1. ग्रामवासियों के लिये भूत, प्रेत, चुडैल, आदि का अस्तित्व सामाजिक है।
2. ग्राम निवासी हिन्दू और मुसलमान दोनों ही परम भाग्यवादी है।
3. अधिकांश लोग कर्म के सिद्धान्त में विश्वास रखते हैं।
4. हिन्दू पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं।
5. ग्रामीण मरणोपरान्त दूसरी दुनियाँ को सच समझते हैं जहाँ स्वर्ग और नरक है।
6. पाप और पुण्य, नेकी और बदी के संप्रत्यय भी बिल्कुल स्पष्ट और सजीव है।
7. हिन्दूओं के लिये तीर्थस्थल या पवित्र नदियों में स्नान धर्म के अंग माने जाते हैं, वहाँ जाना पुण्य कर्म समझा जाता है।
8. कुछ प्रादेशिक देवी-देवता भी अपना प्रभुत्व जमाएँ हैं।

डॉ. एस. सी. दुबे ने शमीरपट गांव के अध्ययन में जिन महत्वपूर्ण विशेषताओं से समाज को अवगत कराया वह अपने में एक दुरुह कार्य है।

...पीछे | आगे....

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- लूई ड्यूमाँ और जी. एस. घुरिये द्वारा प्रतिपादित भारत विद्या आधारित परिप्रेक्ष्य के बीच अन्तर कीजिये।
  2. प्रश्न- भारत में धार्मिक एकीकरण को समझाइये। भारत में संयुक्त सांस्कृतिक वैधता परिलक्षित करने वाले चार लक्षण बताइये?
  3. प्रश्न- भारत में संयुक्त सांस्कृतिक वैधता परिलक्षित करने वाले लक्षण बताइये।
  4. प्रश्न- भारतीय संस्कृति के उन पहलुओं की विवेचना कीजिये जो इसमें अभिसरण. एवं एकीकरण लाने में सहायक हैं? प्राचीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये? मध्यकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये? आधुनिक भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये? समकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये?
  5. प्रश्न- प्राचीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
  6. प्रश्न- मध्यकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
  7. प्रश्न- आधुनिक भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
  8. प्रश्न- समकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
  9. प्रश्न- भारतीय समाज के बाँधने वाले सम्पर्क सूत्र एवं तन्त्र की विवेचना कीजिए।
  10. प्रश्न- परम्परागत भारतीय समाज के विशिष्ट लक्षण एवं संरूपण क्या हैं?
  11. प्रश्न- विवाह के बारे में लुई ड्यूमा के विचारों की व्याख्या कीजिए।
  12. प्रश्न- पवित्रता और अपवित्रता के बारे में लुई ड्यूमा के विचारों की चर्चा कीजिये।
  13. प्रश्न- शास्त्रीय दृष्टिकोण का महत्व स्पष्ट कीजिये? क्षेत्राधारित दृष्टिकोण का क्या महत्व है? शास्त्रीय एवं क्षेत्राधारित दृष्टिकोणों में अन्तर्सम्बन्धों की विवेचना कीजिये?
  14. प्रश्न- शास्त्रीय एवं क्षेत्राधारित दृष्टिकोणों में अन्तर्सम्बन्धों की विवेचना कीजिये?
  15. प्रश्न- इण्डोलॉजी से आप क्या समझते हैं? विस्तार से वर्णन कीजिए।.
  16. प्रश्न- भारतीय विद्या अभिगम की सीमाएँ क्या हैं?
  17. प्रश्न- प्रतीकात्मक स्वरूपों के समाजशास्त्र की व्याख्या कीजिए।
  18. प्रश्न- ग्रामीण-नगरीय सातव्य की अवधारणा की संक्षेप में विवेचना कीजिये।
  19. प्रश्न- विद्या अभिगमन से क्या अभिप्राय है?
  20. प्रश्न- सामाजिक प्रकार्य से आप क्या समझते हैं? सामाजिक प्रकार्य की प्रमुख 'विशेषतायें बतलाइये? प्रकार्यवाद की उपयोगिता का वर्णन कीजिये?
  21. प्रश्न- सामाजिक प्रकार्य की प्रमुख विशेषतायें बताइये?
  22. प्रश्न- प्रकार्यवाद की उपयोगिता का वर्णन कीजिये।
  23. प्रश्न- प्रकार्यवाद से आप क्या समझते हैं? प्रकार्यवाद की प्रमुख सीमाओं का उल्लेख कीजिये?
  24. प्रश्न- प्रकार्यवाद की प्रमुख सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
  25. प्रश्न- दुर्खीम की प्रकार्यवाद की अवधारणा को स्पष्ट कीजिये? दुर्खीम के अनुसार, प्रकार्य की क्या विशेषतायें हैं, बताइये? मर्टन की प्रकार्यवाद की अवधारणा को समझाइये? प्रकार्य एवं अकार्य में भेदों की विवेचना कीजिये?
  26. प्रश्न- दुर्खीम के अनुसार, प्रकार्य की क्या विशेषतायें हैं, बताइये?
  27. प्रश्न- प्रकार्य एवं अकार्य में भेदों की विवेचना कीजिये?
  28. प्रश्न- "संरचनात्मक-प्रकार्यात्मक परिप्रेक्ष्य" को एम. एन. श्रीनिवास के योगदान को स्पष्ट कीजिये।
  29. प्रश्न- डॉ. एस.सी. दुबे के अनुसार ग्रामीण अध्ययनों में महत्व को दर्शाइए?
  30. प्रश्न- आधुनिकीकरण के सम्बन्ध में एस सी दुबे के विचारों को व्यक्त कीजिए?
  31. प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन की मुख्य विशेषताओं की व्याख्या कीजिये।
  32. प्रश्न- एस.सी. दुबे का जीवन चित्रण प्रस्तुत कीजिये व उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिये।
  33. प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे के अनुसार वृहत परम्पराओं का अर्थ स्पष्ट कीजिए?
  34. प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे द्वारा रचित परम्पराओं की आलोचनात्मक दृष्टिकोण व्यक्त कीजिए?
  35. प्रश्न- एस. सी. दुबे के शामीर पेट गाँव का परिचय दीजिए?
  36. प्रश्न- संरचनात्मक प्रकार्यात्मक विश्लेषण का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  37. प्रश्न- बृजराज चौहान (बी. आर. चौहान) के विषय में आप क्या जानते हैं? संक्षेप में बताइए।
  38. प्रश्न- एम. एन श्रीनिवास के जीवन चित्रण को प्रस्तुत कीजिये।
  39. प्रश्न- बी.आर.चौहान की पुस्तक का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- "राणावतों की सादणी" ग्राम का परिचय दीजिये।
  41. प्रश्न- बृज राज चौहान का जीवन परिचय, योगदान ओर कृतियों का उल्लेख कीजिये।
  42. प्रश्न- मार्क्स के 'वर्ग संघर्ष' के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिये? संघर्ष के समाजशास्त्र को मार्क्स ने क्या योगदान दिया?
  43. प्रश्न- संघर्ष के समाजशास्त्र को मार्क्स ने क्या योगदान दिया?
  44. प्रश्न- मार्क्स के 'द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद' से आप क्या समझते हैं? मार्क्स के 'द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये?
  45. प्रश्न- मार्क्स के 'द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद' की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये?
  46. प्रश्न- ए. आर. देसाई का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- ए. आर. देसाई का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य में क्या योगदान है?
  48. प्रश्न- ए. आर. देसाई द्वारा वर्णित राष्ट्रीय आन्दोलन का मार्क्सवादी स्वरूप स्पष्ट करें।
  49. प्रश्न- डी. पी. मुकर्जी का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य क्या है?
  50. प्रश्न- द्वन्द्वात्मक परिप्रेक्ष्य क्या है?
  51. प्रश्न- मुकर्जी ने परम्पराओं का विरोध क्यों किया?
  52. प्रश्न- परम्पराओं में कौन-कौन से निहित तत्त्व है?
  53. प्रश्न- परम्पराओं में परस्पर संघर्ष क्यों होता हैं?
  54. प्रश्न- भारतीय संस्कृति में ऐतिहासिक सांस्कृतिक समन्वय कैसे हुआ?
  55. प्रश्न- मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य की प्रमुख मान्यताएँ क्या है?
  56. प्रश्न- मार्क्स और हीगल के द्वन्द्ववाद की तुलना कीजिए।
  57. प्रश्न- राधाकमल मुकर्जी का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य क्या है?
  58. प्रश्न- मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य की प्रमुख मान्यताएँ क्या हैं?
  59. प्रश्न- रामकृष्ण मुखर्जी के विषय में संक्षेप में बताइए।
  60. प्रश्न- सभ्यता से आप क्या समझते हैं? एन.के. बोस तथा सुरजीत सिन्हा का भारतीय समाज परिप्रेक्ष्य में सभ्यता का वर्णन करें।
  61. प्रश्न- सुरजीत सिन्हा का जीवन चित्रण एवं प्रमुख कृतियाँ बताइये।
  62. प्रश्न- एन. के. बोस का जीवन चित्रण एवं प्रमुख कृत्तियाँ बताइये।
  63. प्रश्न- सभ्यतावादी परिप्रेक्ष्य में एन०के० बोस के विचारों का विवेचन कीजिए।
  64. प्रश्न- सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  65. प्रश्न- डेविड हार्डीमैन का आधीनस्थ या दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- भारतीय समाज को समझने में बी आर अम्बेडकर के "सबआल्टर्न" परिप्रेक्ष्य की विवेचना कीजिये।
  67. प्रश्न- दलितोत्थान हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किये गये धार्मिक कार्यों का विवरण प्रस्तुत कीजिये।
  68. प्रश्न- दलितोत्थान हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किए गए शैक्षिक कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिये।
  69. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए : (1) दलितों की आर्थिक स्थिति (2) दलितों की राजनैतिक स्थिति (3) दलितों की संवैधानिक स्थिति।
  70. प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर का जीवन परिचय दीजिये।
  71. प्रश्न- डॉ. अम्बेडर की दलितोद्धार के प्रति यथार्थवाद दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
  72. प्रश्न- डेविड हार्डीमैन का आधीनस्थ या दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के वैचारिक स्वरूप एवं पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के माध्यम से अध्ययन किए गए देवी आन्दोलन का स्वरूप स्पष्ट करें।
  74. प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य से अपने अध्ययन का विषय बनाये गए देवी 'आन्दोलन के परिणामों पर प्रकाश डालें।
  75. प्रश्न- डेविड हार्डीमैन के दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के योगदान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
  76. प्रश्न- अम्बेडकर के सामाजिक चिन्तन के मुख्य विषय को समझाइये।
  77. प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर के सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  78. प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर के विचारों एवं कार्यों का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book